अकाली दल के जिलाध्यक्षों ने सरदार सुखबीर सिंह बादल का पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का प्रस्ताव ठुकराया
अकाली दल के जिलाध्यक्षों ने सरदार सुखबीर सिंह बादल का पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का प्रस्ताव
अकाली दल अध्यक्ष ने जिलाध्यक्षों के साथ मीटिंग में यह पेशकश की
जिला अध्यक्षों ने सरदार सुखबीर सिंह बादल की लीडरशीप में विश्वास व्यक्त करते हुए औपचारिक प्रस्ताव पारित किया तथा उनसे पार्टी को फिर से जीवंत करने का अनुरोध किया
चंडीगढ़/17मार्च: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की,जिसे सभी जिलाध्यक्षों ने दृढ़ता सेे खारिज कर दिया।
अकाली दल अध्यक्ष ने वरिष्ठ लीडरशीप के अलावा कल और आज जिला अध्यक्षों से बातचीत की तथा कहा‘‘ मेरे लिए पार्टी और उसकी भलाई सर्वोपरि है। मैंने हमेशा पार्टी के हित में काम किया है। मैं पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ने को तैयार हूं।
पार्टी लीडरशीप ने कई जिलाध्यक्षों के साथ मिलकर पार्टी अध्यक्ष की लीडरशीप में कड़ी मेहनत और चुनाव अभियान में की गई मेहनत में पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए उन सर्वसम्मति से एक औपचारिक प्रस्ताव भी पारित किया। इस मुददे पर बोलते हएु नेताओं ने कहा, सरदार बादल ने न केवल आगे बढ़कर अगुवाई की ,बल्कि पार्टी लीडरशीप के साथ साथ पार्टी कैडर को भी अपना सर्वक्षेष्ठ देने के लिए प्रेरित किया। नेताओं ने कहा कि हालांकि नतीजे उम्मीद के मुताबिक नही रहे, बल्कि पार्टी अध्यक्ष को किसी भी तरह से दोष नही दिया जा सकता। ‘‘ लोगों ने बदलाव के लिए मतदान किया और परिणामस्वरूप विपक्ष को सुनामी हार का सामना करना पड़ा’’।
मीटिंग में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अकाली दल ने बुनियादी स्तर के नेताओं ने कहा, ‘‘ कई जगहों पर मतदातों को आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवारों का नाम तक पता नही था, लेकिन ‘बदलाव’ के लिए आम आदमी पार्टी को वोट दिया, इससे अकाली दल को भारी नुकसान उठाना पड़ा’’।
यह कहते हुए कि अकाली दल में राख से फीनिक्स की तरह उठने की क्षमता है पार्टी को दोबार से जीवंत करने में सरदार सुखबीर सिंह बादल इसमें मुख्य भूमिका निभाएंगें। पिछली अकाली दल सरकारों ने विकास, बुनियादी ढ़ांचे के विकास और अनूठी सामाजिक भलाई योजनाओं की शुरूआत के लिए अनूठे प्रयास किए हैं, जो लोगों के दिमाग में बस गए हैं। लोग अकाली दल को उसके पिछले ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर पुरस्कृत करना चाहते थे, खासकर कांग्रेस सरकार के गैर प्रदर्शन के बाद, लेकिन अंतिम समय में वे बदलाव की आवाज से प्रभावित हो गए’’।
इस बीच सरदार बादल ने जिलाध्यक्षों को जानकारी दी कि पार्टी न केवल उनसे पार्टी के अन्य पदाधिकारियों से बल्कि सभी सभी वर्गों के लोगों से चुनाव में हार के बारे विस्तृत जानकारी लेगी। ‘‘ इस उददेश्य से एक हाई पॉवर कमेटी का गठन किया जा रहा है। यह आवश्यक फीड बैक लेने और पार्टी को फिर से जीवंत करने के लिए सिफारिशों के साथ आने के लिए आवश्यक मीटिंगें करेगी।
इस बीच जिलाध्यक्षों ने पंथक मुददों पर अपने सुझाव दिए और पंजाब के सभी लंबित मुददों को मजबूती से उठाने और उनका शीघ्र समाधान सुनिश्चत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।